Celebrity Writer-बागपन की बारूदी कलम/संवेदना की सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥€ से..
“मैं बाग़ी” की कलम से..
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नोट परिवरà¥à¤¤à¤¨ के साथ सोशल मीडिया पर मजाक, आखिर हम किधर जा रहे हैं ?
पà¥à¤°à¥‹.(डॉ.) डी. पी. शरà¥à¤®à¤¾ “ धौलपà¥à¤°à¥€â€œ 14/11/2016
आज à¤à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° पर नकेल à¤à¤µà¤‚ काले धन की निकासी अथवा सियासी मौदà¥à¤°à¤¿à¤• खेल तो सिरà¥à¤« सरकार अथवा अरà¥à¤¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ही समठसकते हैं कि इसके दूरगामी परिणाम कà¥à¤¯à¤¾ और कैसे होंगे लेकिन सोशल मीडिया को ” गैर-सोशल “अफवाई औजार आज जरूर मिल गया है / हर कोई गलत या सही अथवा जायज या गैर जायज का à¤à¥‡à¤¦ किये बिना नà¥à¤¯à¥‚ज़ की कतरन अथवा तोड़े मरोड़े तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को बिना सोचे, समà¤à¥‡ इधर उधर à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ और अफवाह फ़ैलाने में अपना à¤à¤µà¤‚ सोशल मीडिया पर अपनी अति सकà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ मौदà¥à¤°à¤¿à¤• नीति का जानकार होने का दम à¤à¤° रहा है / ये सही है कि हर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ को वैचारिक सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ का अधिकार संविधान पà¥à¤°à¤¦à¤¤à¥à¤¤ है परंतॠकहीं हम इस नासमà¤à¥€ à¤à¤µà¤‚ अतिउतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ के जूनून में देश को अथवा देश की अरà¥à¤¥ नीति को जो कि किसी तानाशाह ने नहीं वलà¥à¤•ि चà¥à¤¨à¥€ हà¥à¤ˆ लोकतानà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤• सरकार के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने बहà¥à¤®à¤¤ à¤à¤µà¤‚ लोककलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के साथ बनाई à¤à¤µà¤‚ लागू की है, को नà¥à¤•à¥à¤¸à¤¾à¤¨ तो नहीं पहà¥à¤‚चा रहे?
इतनी à¤à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ जलà¥à¤¦à¤µà¤¾à¤œà¥€ है कि à¤à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महतà¥à¤µ के सरकारी निरà¥à¤£à¤¯ को हम बिना सोचे समà¤à¥‡ मजाक à¤à¤µà¤‚ गैर जरà¥à¤°à¥€ करार देकर कà¥à¤› à¤à¥€ हिंदी अथवा अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में, अखबारी à¤à¤¾à¤·à¤¾ के हूबहू फरà¥à¤œà¥€ खबर बनाकर अथवा सरकारी आदेश के रूप में कंपà¥à¤¯à¥‚टरीकृत कà¥à¤²à¤¿à¤ª बना उस पर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ गणराजà¥à¤¯ चिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ को चिपकाकर सोशल मीडिया अथवा इनà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥‡à¤Ÿ के माधà¥à¤¯à¤® से वायरल कर दें / जरा सोचिये कहीं आप जाने अथवा अनजाने में कोई राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अपराध तो नहीं कर रहे ? जà¥à¤žà¤¾à¤¤ रहे कि आपके वैचारिक सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के अधिकार के साथ साथ कà¥à¤› करà¥à¤¤à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ à¤à¥€ जà¥à¥œà¥‡ हà¥à¤ हैं/ सन २०१५ में सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने “आई टी à¤à¤•à¥à¤Ÿ २०००” की धारा ६६ A के पà¥à¤²à¤¿à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दà¥à¤°à¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ वैचारिक अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° के खिलाफ असंवैधानिक करा देते हà¥à¤ इस पर रोक लगा दी थी/ आज उसके दà¥à¤·à¥à¤ªà¤°à¤¿à¤£à¤¾à¤® सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ के फैसले à¤à¤µà¤‚ संविधान के विपरीत पà¥à¤¨à¤ƒ देखने को मिल रहे हैं / लोग सà¤à¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ संवैधानिक à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं के विपरीत कà¥à¤› à¤à¥€ अनरà¥à¤—ल , असामाजिक, à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤¯à¥€ अशिषà¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ करते हà¥à¤ समय à¤à¤µà¤‚ ऊरà¥à¤œà¤¾ के साथ साथ धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ सामाजिक वैमनसà¥à¤¯ फैला रहे हैं जो कि पà¥à¤¨à¤ƒ à¤à¤• सवालिया मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ खड़ा करता है कि कहीं ये साइड इफेकà¥à¤Ÿà¥à¤¸ हमारे à¤à¤• और संवैधानिक ताने वाने अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ धारà¥à¤®à¤¿à¤• सहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ सामाजिक विविधिता को छतिगà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ तो नहीं कर रहे ? कà¤à¥€ कà¤à¥€ तो सोशल मीडिया à¤à¤µà¤‚ इनà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥‡à¤Ÿ पर राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के साथ खिलवाड़ से ये à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ मजबूत हो चली है कि आई टी à¤à¤•à¥à¤Ÿ २००० की धारा ६६ A का पà¥à¤¨à¤°à¤¾à¤µà¤²à¥‹à¤•न किया जाये / अव चाहे ये सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ के सà¥à¤¤à¤° पर हो अथवा सरकार à¤à¤µà¤‚ संसद के सà¥à¤¤à¤° पर / à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ साइबर कानून की धारा ६ॠके तहत दोषी पाठजाने पर ५ साल की सजा अथवा १० लाख रूपया का जà¥à¤°à¤®à¤¾à¤¨à¤¾ करने का पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ है / ये कानून à¤à¥€ नैतिक मानदंडों à¤à¤µà¤‚ उनके दà¥à¤°à¥‚पयोग के खिलाफ है / साइबर कानून. के तहत राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महतà¥à¤µ के मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ से जà¥à¥œà¥‡ मामलों, किसी के जीवन अथवा पद की गरिमा के विपरीत अफवाह फैलाना अथवा किसी खबर नà¥à¤¯à¥‚ज़ अथवा तथà¥à¤¯ को तोड़ मरोड़कर पेश करना अथवा उसे इरादतन à¤à¤µà¤‚ गैर इरादतन तरीके से फैलाना इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ धाराओं के तहत कानूनन जà¥à¤°à¥à¤® है/ आज कोई à¤à¥€ कितना à¤à¥€ आईटी का विशेषजà¥à¤ž अथवा जानकर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न हो/ आप तकनीकी गोपनीयता वाले कितने à¤à¥€ मापदंड ( à¤à¤¨à¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤¶à¤¨ टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ यथा ६४ बिट या १२८ बिट विद à¤à¤¨à¥à¤¡ टू à¤à¤¨à¥à¤¡ à¤à¤¨à¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤¶à¤¨) कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न अपना रहे हों लेकिन कानून कानून होता है और अपराध की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ कà¥à¤› न कà¥à¤› कहीं न कहीं सबूत जरूर छोड़ती है/ और यही सोशल मीडिया पर सबूत किसी के लिठदणà¥à¤¡ का सबब न बन जाà¤à¤ उससे पहले हमें संयमित बà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¾ है/
आज नोट बदली से देश की राजनैतिक फिजां में à¤à¤• à¤à¥‚चाल सा आ गया है/ जरà¥à¤°à¥€ à¤à¥€ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤• लोकतानà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤° मैं विचारधाराओं की विविधताओं का होना सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है / परंतॠविपकà¥à¤· का मतलब ये कतई नहीं होता कि ” सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ घोषित किसी à¤à¥€ योजना सà¥à¤µà¤°à¥‚पी पेड़ जैसे नीम के पेड़ को तरà¥à¤•ों, कà¥à¤¤à¤•ों अथवा वितरà¥à¤•ों के माधà¥à¤¯à¤® से बबूल का पेड़ घोषित करने की हर संà¤à¤µ चेसà¥à¤Ÿà¤¾ की जाये/ अचà¥à¤›à¥€ योजनाओं की पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा कर मतà¤à¥‡à¤¦ à¤à¥à¤²à¤¾à¤•र सकारातà¥à¤®à¤• विपकà¥à¤· का परिचय देना चाहिà¤/ बिपकà¥à¤· का मतलब ये à¤à¥€ नहीं होना चाहिठकि ( अà¤à¥€ हाल हैं वà¥à¤¹à¤¾à¤Ÿà¥à¤¸à¤à¤ªà¥à¤ª पर वायरल à¤à¤• विडियो के सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤ में) पहले नोट को हलके रंगीन पानी में डालो, फिर सà¥à¤–ाकर मीडिया को बà¥à¤²à¤¾à¤•र तौलिये पर नोट के रंग छूटने का à¤à¥‚ठा सबूत देकर मीडिया में अफवाह फैला दो/ अतीव सरà¥à¤µà¤¦à¤¾ वरà¥à¤œà¤¯à¥‡à¤¤ – विशेष रूप से राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महतà¥à¤µ के मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ के साथ à¤à¤¸à¤¾ न हो तà¤à¥€ सोशल मीडिया के सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— की सारà¥à¤¥à¤•ता है/
आज राजनैतिक आरोप पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¥‹à¤‚ के दौर में à¤à¤• अहमॠबात सोचने की ये है कि बैंक से नोट बदली के लिठलाइन में गरीब à¤à¤µà¤‚ मधà¥à¤¯à¤® वरà¥à¤—ीय लोग परेशान हैं/ सतà¥à¤¯ à¤à¥€ है à¤à¤µà¤‚ तथà¥à¤¯ à¤à¥€ / ये à¤à¥€ अफवाह है कि कोई à¤à¥€ अमीर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ लाइन में नहीं लगा, शायद सरकार ने उनको लाठदेने का इंतजाम पहले से कर दिया / चलो ये तथà¥à¤¯ à¤à¥€ सतà¥à¤¯ मालूम होता है थोड़ी देर के लिठ/ परंतॠयहाठसबसे अहमॠबात सोचने की ये है कि देश में कितने लोग अमीर हैं जिनको हम लाइन में देखना चाहते हैं/ कà¥à¤¯à¤¾ वे करोड़ों में हैं जो लाइन में सिरà¥à¤« वे ही दिखेंगे सूट बूट में/ कà¥à¤¯à¤¾ उनके चेहरे पर अमीरी का सरकारी अथवा गैर सरकारी सà¥à¤Ÿà¤¾à¤®à¥à¤ª अथवा मà¥à¥™à¥Œà¤Ÿà¤¾ होगा जिससे हम उनको पहचान कर अपनी वैचारिक विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ की à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को बदल लेंगे / ये à¤à¥€ तो हो सकता है कि काले धन वाले अà¤à¥€ वकà¥à¤¤ की फिजां का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर रहे हों और अपनी वà¥à¤¯à¥‚ह रचना गà¥à¤¨à¥‡ à¤à¤µà¤‚ लागू करने के बहà¥à¤†à¤¯à¤¾à¤®à¥€ तरीकों पर विचार मंथन कर रहे हों? वो कोई आम सोच वाले नॉसिखिये इंसान तो नहीं वलà¥à¤•ि काली मौदà¥à¤°à¤¿à¤• दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के वो मजे हà¥à¤ खिलाड़ी à¤à¥€ तो हो सकते हैं जो अपने करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, कारिंदों, मितà¥à¤°à¥‹à¤‚, रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ à¤à¥‹à¤²à¥‡ à¤à¤¾à¤²à¥‡ गरीब à¤à¤µà¤‚ मजदूर लोगों का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² अपने फायदे के लिठ” हिसà¥à¤¸à¤¾ आधारित” फॉरà¥à¤®à¥‚ले पर करने के गोपनीय तरीके पर विचार मंथन में लगे हों/ कहते हैं कि ” दौलत जब दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ में आती है तो उसके चेहरे से पैदाइशी खून टपकता है परंतॠदौलत से जब पूà¤à¤œà¥€ का जनà¥à¤® होता है तो उसके जिसà¥à¤® के हर हिसà¥à¤¸à¥‡ से लहू टपकता है” / ये à¤à¥€ तो आज à¤à¤• मंजर ठहकीकत है / शायद गरीब à¤à¤µà¤‚ मजदूर के हाथ / थाली से छीनीं हà¥à¤¯à¥€ दौलत /रोटी हो सकता है कल अपने क़ातिलाना सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª को तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर गरीब à¤à¤µà¤‚ मज़दूर के हाथ में सà¥à¤µà¥‡à¤šà¥à¤›à¤¾ अथवा मजबूरी में ही सही बाहर आकर बाजार में निकले और कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ à¤à¤µà¤‚ अपराध बोध की सà¥à¤µà¥€à¤•ारोकà¥à¤¤à¤¿ के साथ गरीब मज़दूर के आà¤à¤¸à¥‚ं पोंछते हà¥à¤ ईमानदारी à¤à¤µà¤‚ लोक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का नवीन इतिहास लिखदे/ सरकारों को à¤à¥€ चाहिठकि अपराध बोध से बाहर निकलने वालों को सकारातà¥à¤®à¤• à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• सोच के साथ उचित परंतॠकलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•ारी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª काम कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤¤ करने मौका दे /
आज सोशल मीडिया पर कà¤à¥€ नकली नोटों की अफवाह तो कà¤à¥€ गोपनीयता को à¤à¤‚ग करने की साजिश/ जनता सब जानती है / ये सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• सतà¥à¤¯ कथन है कि कोई à¤à¥€ नवीन योजना कà¥à¤› तो तकलीफ देगी यदि उसके दूरगामी परिणाम अचà¥à¤›à¥‡ हà¥à¤ तो ” अंत à¤à¤²à¤¾ तो सब à¤à¤²à¤¾” वरà¥à¤¨à¤¾ सरकार को उखाड़ फैंकने के लोकतानà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤• हथियार यानी वोट आपके हाथ आपके साथ / कीजिये उपयोग और दिखाईये वोट की ताकत / निःसंदेह कà¥à¤› तो अचà¥à¤›à¤¾ सोचा होगा आम आदमी के लिà¤/ वरà¥à¤¨à¤¾ आम गरीब à¤à¤µà¤‚ मजदूर मधà¥à¤¯à¤® वरà¥à¤—ीय तबका तो आज à¤à¥€ वरà¥à¤²à¥à¤¡ बैंक को सरà¥à¤µà¥‡ सपोरà¥à¤Ÿ देने वाली à¤à¤œà¥‡à¤‚सी ” लूà¤à¤‡à¤œà¥à¥›à¤° मॉनà¥à¤¸à¥à¤Ÿà¤° बोरà¥à¤¡ वेज इंडेकà¥à¤¸ ” की रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में वà¥à¤¹à¤¾à¤‡à¤Ÿ कॉलर नौकर पेशा लोगों की सà¥à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ मैं चीन à¤à¤µà¤‚ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® है यानी १à¥à¥¨ रूपया पà¥à¤°à¤¤à¤¿ घंटे है जो की चीन की ९६ à¤à¤µà¤‚ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की ८१ रूपया की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में काफी अधिक है/ जà¥à¤žà¤¾à¤¤ रहे की इसी तबके का à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¤¾ आज सातवें वेतन आयोग के फल खाते हà¥à¤¯à¥‡ शायद ये बात कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¥‚ल रहा है की गरीब à¤à¤µà¤‚ मजदूर के लिठकोई वेतन आयोग नहीं और सातवें वेतन आयोग के साइड इफेकà¥à¤Ÿà¥à¤¸ सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• उसी के जेब à¤à¤µà¤‚ पेट पर चोट कर रहे हैं/ कà¥à¤› तो सबà¥à¤° रखें / à¤à¤• बार इसको à¤à¥€ देख लें/ अà¤à¥€ हाल में यूनाइटेड नेशनà¥à¤¸ à¤à¤µà¤‚ इंटरनेशनल लेबर आरà¥à¤—ेनाइजेशन की रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मजदूरों के लिठà¥à¥¨ देशों की सूची में à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ ६९ वाठयानी सिरà¥à¤« तीन देश पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨, फिलीपीनà¥à¤¸ à¤à¤µà¤‚ ताजकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के मजदूर ही हमारे मजदूर समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ गरीब हैं/ ये तबका आज à¤à¥€ इस आस में जी रहा है की कालाधन शायद सफ़ेद बनकर उसकी थाली को à¤à¤• दिन आबाद करदे/ उसके पास अनरà¥à¤—ल बातों à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ फ़ोन पर बवंडर फैलने का वकà¥à¤¤ नहीं/ आज सरकार उसके तंतà¥à¤° à¤à¤µà¤‚ देश के जन समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को संयम से काम लेने की जरà¥à¤°à¤¤ है / ताकि योजना को लोकहित से परे मजाक न बनना पड़े/ लोकतानà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤• देश के नागरिकों के लिठà¤à¥€ कà¥à¤› मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤à¤‚ होनी चाहिठऔर उनका पालन à¤à¥€/
संवेदना की सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥€ से ……..
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मजबूर हà¥à¤† मजदूर ?
पà¥à¤°à¥‹.(डॉ.) डी. पी. शरà¥à¤®à¤¾ “ धौलपà¥à¤°à¥€â€œ 30/04/2016
Published in Rajasthan Patrika on 30/04/2016 Editorial Page,
A National Newspaper with largest network in Rajasthan
http://epaper.patrika.com/794129/Rajasthan-Patrika-Jaipur/30-04-2016#page/12/1
विकसित अथवा विकाशसील देश आज धरती से अंतरिकà¥à¤· à¤à¤µà¤® मंगल गà¥à¤°à¤¹ तक अपनी छलांग लगाने के लिठआतà¥à¤° हैं, इस बात से बेखबर कि आज à¤à¥€ हमारे आस पास लाखों à¤à¤¸à¥‡ गरीब मजदूर यथा बचà¥à¤šà¥‡, बृदà¥à¤§, विकलांग,महिला à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¥à¤· रह रहे हैं जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दिन à¤à¤° की मजदूरी के बाद à¤à¥€ दो वक़à¥à¤¤ का à¤à¥‹à¤œà¤¨ à¤à¥€ मयसà¥à¤¸à¤° नहीं होता, मानवाधिकार तो बहà¥à¤¤ दूर की बात है उनके लिठ/
आरà¥à¤¥à¤¿à¤• दृसà¥à¤Ÿà¤¿ से समृदà¥à¤§ लोकतानà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤• देशों के सà¤à¥à¤¯ समाज में आज à¤à¥€ मजदूर शबà¥à¤¦ सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ ही दिमाग में दबे कà¥à¤šà¤²à¥‡, पिछड़े, गरीब à¤à¤µà¤‚ आरà¥à¤¥à¤¿à¤• रूप से बदहाल जीवन यापन करने वाले लोगों की à¤à¤• अजीब सी तसà¥à¤µà¥€à¤° उà¤à¤° कर सामने आती है / आखिर अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ à¤à¤µà¤® असमानता का à¤à¤¸à¤¾ मंजर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और कब तक ? दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ की पà¥à¤°à¤—ति का पहिया आखिर कब तक मज़बूरी में लिपटे मजदूर के à¤à¤°à¤ªà¥‡à¤Ÿ à¤à¥‹à¤œà¤¨ à¤à¤µà¤‚ तन पर अदद कपडे के सपनों को कà¥à¤šà¤²à¤¤à¤¾ रहेगा? सामाजिक सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾, नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ à¤à¤µà¤‚ जीने का अधिकार तो किसी à¤à¥€ लोक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•ारी सरकार à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का पà¥à¤°à¤¥à¤® कानूनी उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ होना चाहिà¤/ आज यदि हम अपने देश की बात करें तो सरकारी à¤à¤µà¤‚ गैर सरकारी पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ इस दिशा में कितने कारगर साबित हà¥à¤ और देश के मजबूर मजदूर का जीवन पà¥à¤°à¤—ति की राह में कितना सà¥à¤§à¤°à¤¾, हम सà¤à¥€ के लिठà¤à¤• अति विचारणीय पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ है /
सनॠ२०१२ के आंकड़ों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मजदूरों की संखà¥à¤¯à¤¾ लगà¤à¤— 487 मिलियन थी जिनमें ९४ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ असंगठित कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के मजदूर थे / à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मजदूरों की ये तशà¥à¤µà¥€à¤° दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ में चीन के बाद दूसरा सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रखती है। सबसे हैरानी की बात तो ये है कि पिछले दो दशक से सतà¥à¤¤à¤¾à¤¸à¥€à¤¨ सरकारें अनेकों योजनाà¤à¤‚ लायी जैसे à¤à¥‹à¤œà¤¨ का अधिकार, काम का अधिकार, नरेगा, à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ परनà¥à¤¤à¥ हर योजना में à¤à¤• बात आम थी कि मजदूरों को आरà¥à¤¥à¤¿à¤• लाठतो हà¥à¤†, उनकी जेब में कà¥à¤› सरकारी खजाने से पैसे तो पहà¥à¤‚चे परनà¥à¤¤à¥ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¥à¤µà¤¾à¤µà¤²à¤‚बी बनाने à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° हितोपयोगी कारà¥à¤¯ के लिठनहीं / दिलà¥à¤²à¥€ में बनी ये योजनाà¤à¤‚ मजदूर के गांव तक पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ अपना कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•ारी सà¥à¤µà¤°à¥‚प खो बैठीं और महज सरकारी खजाने से पैसे के उपà¤à¥‹à¤— का जरिया मातà¥à¤° बनकर रह गयीं / उनकी दूरगामी समृदà¥à¤§à¤¿ के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ सिरà¥à¤« कागजों की शोà¤à¤¾ बन कर ही रह गठ/à¤à¤• रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° नरेगा में जो पैसा सरकारी खजाने से गरीब या मजदूर को मिला उसके à¤à¤µà¤œ में कितना काम राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के लिठहà¥à¤† और उसकी जमीनी हकीकत कà¥à¤¯à¤¾ है ये आज जà¥à¤µà¤²à¤‚त सवाल इसकी सफलता के पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤ªà¤¤à¥à¤° पर काले धबà¥à¤¬à¥‡ के रूप में अंकित हैं ? और सरकारें वाहवाही लूटने के लिठआपस में लड़ रहीं हैं / इसके विपरीत अà¤à¥€ हाल में घोषित नवीन ‘जन धन’ योजना से à¤à¤• लाठतो होने की समà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है कि सरकार à¤à¤µà¤‚ मजदूर के बीच बिचोलिये की à¤à¥‚मिका जरूर काम हो जाà¤à¤—ी जो कि à¤à¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° की सबसे बड़ी कड़ी है और सरकारी पैसा सीधे लाà¤à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ के अकाउंट में पहà¥à¤à¤š जायेगा /
आज दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ दो धà¥à¤°à¥à¤µà¥€à¤¯ हो चà¥à¤•ी है/ à¤à¤• वरà¥à¤— शोषक का है तो दूसरा वरà¥à¤— शोषित का/ लोक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•ारी सरकारें इनमें संतà¥à¤²à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने में शà¥à¤°à¥‚ से आज तक लगी हà¥à¤¯à¥€ हैं/ दोनों वरà¥à¤—ों की असंतà¥à¤²à¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤—ीदारी और यही बंटवारा अनेकों
रूपों में पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· अथवा अपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· रूप से विदà¥à¤°à¥‹à¤¹ à¤à¤µà¤‚ सामाजिक अथवा राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अशांति का कारण बनते रहे हैं/ संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° à¤à¤œà¥‡à¤‚सी “अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शà¥à¤°à¤® संगठन” के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ में सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• शांति तà¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हो सकती है
जब सामाजिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ की अवधारणा को सही मायने में लागू किया जाये / à¤à¤• अमेरिकी शोध अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अà¤à¥€ हाल में उतà¥à¤¤à¤° अफà¥à¤°à¥€à¤•ी देशों, खाड़ी देशों में जो सिविल वार देखने को मिला उसके पीछे वो मजदूर à¤à¤µà¤‚ वेरोजगार थे जिनके हाथ में काम à¤à¤µà¤‚ पेट में अनाज नहीं था/ सरकारों à¤à¤µà¤‚ सतà¥à¤¤à¤¾à¤¶à¥€à¤¨ शासकों ने उनको कà¥à¤šà¤²à¤¨à¥‡ का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया / à¤à¤¸à¥€ कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ सफल अथवा असफल हà¥à¤ ये अलग बात है परनà¥à¤¤à¥ शोषक à¤à¤µà¤‚ शोषित समाज की खाई को और गहरा कर गठजिसके दूरगामी परिणाम सामने आना बाकी है / राजनैतिक परिवरà¥à¤¤à¤¨ à¤à¤µà¤‚ सामाजिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के लिठमिशà¥à¤° , लीबिया, टà¥à¤¯à¥‚नीशिया à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ देशों के वेरोजगार यà¥à¤µà¤¾, मजदूरों ने आंदोलन का साथ देकर अपने ही देश à¤à¤µà¤‚ समाज को अशांति à¤à¤µà¤‚ विदà¥à¤°à¥‹à¤¹ की आग में à¤à¥‹à¤‚क दिया /
अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शांति à¤à¤µà¤‚ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में à¤à¤¸à¤¾ न हो इसलिठसामाजिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ की à¤à¥‚मंडलीकृत अवधारणा को सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने के लिठअंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शà¥à¤°à¤® संगठन का पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ मेंबर देशों जिनमें à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥€ शामिल है, यà¥à¤µà¤¾ महिला à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के लिठरोजगार के à¤à¤¸à¥‡ अवसर तैयार करने में मदद करना है जो २००८ में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ विशेष मानकों पूरा करते हों / बाद में २०१० के अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शà¥à¤°à¤® संगठन पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ में रोजगार पॉलिसी à¤à¤µà¤‚ सामाजिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ को फेयर à¤à¥‚मंडलीकरण के लिठलागू किया गया/ अगर गहराई à¤à¤µà¤‚ ईमानदारी से देखें तो अà¤à¥€ तक किसी à¤à¥€ केंदà¥à¤° सरकार जिसमें वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ सरकार à¤à¥€ शामिल है, कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ को छोडकर कोई à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¤µà¤‚ ठोस कदम नहीं उठाया जिससे इन पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मजदूरों के रोजगार, कारà¥à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾, बीमा, सà¥à¤•िल विकास à¤à¤µà¤‚ माइकà¥à¤°à¥‹ फाइनेंस जैसे मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ को सही à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ रूप से लागू किया जा सके/ अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शà¥à¤°à¤® संगठन ने २०१२ में à¤à¤• पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की थी जिसमें विकाशसील देशों जिनमें पà¥à¤°à¤®à¥à¤– रूप से à¤à¤¾à¤°à¤¤, चीन à¤à¤µà¤‚ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के साथ साथ अफà¥à¤°à¥€à¤•ी देशों में à¤à¤¸à¥‡ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करना शामिल था जहाठपर मजदूरों की हालत में अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सपोरà¥à¤Ÿ के बाद à¤à¥€ विशेष परिवरà¥à¤¤à¤¨ नहीं आया / मजदूर कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की दिशा में वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ सरकार के मà¥à¤–िया नरेंदà¥à¤° मोदी ने अकà¥à¤Ÿà¥‚बर २०१४ में “पंडित दीनदयाल उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ शà¥à¤°à¤®à¤¦à¥‡à¤µ जयते ” कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की घोषणा की थी / इसी के साथ ” शà¥à¤°à¤® सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ ” नामक यूनिफाइड लेबर पोरà¥à¤Ÿà¤² à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¥‹à¤µà¤¿à¤¡à¥‡à¤‚ड फणà¥à¤¡ के लिठयूनिवरà¥à¤¸à¤² अकाउंट नंबर का à¤à¥€ उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ किया गया/ शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤à¥€ दौर में à¤à¤¸à¤¾ लगा कि देश के चार करोड़ मजदूर “यूनिक लेबर आइडेंटिफिकेशन नंबर (लिन)” से निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से लाà¤à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ होंगे /
आज के तकनीक कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति यà¥à¤— में सूचना तकनीकी को गरीबी उनà¥à¤®à¥‚लन के लिठइसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया जा रहा है / लेकिन टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ को ये à¤à¥€ समà¤à¤¨à¤¾ चाहिठकि जिस मजदूर को इतनी मजदूरी नहीं मिलती हो कि वो अपना गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¾ कर पाठतब तक उसके लिठये सारे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ हाई-टेक शगूफे ही कहलाà¤à¤‚गे /
à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤ˆ लोकलाइजेशन की बात करने वाली सरकार आज à¤à¥€ चीन, कोरिया à¤à¤µà¤‚ रशिया जैसे देशों से बहà¥à¤¤ दूर है जहाठहर सरकारी कामकाज राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में होता है / अपनी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में काम करने के बावजूद ये देश कहाठहैं और हम कहाà¤? जिस “सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ पोरà¥à¤Ÿà¤² ” की à¤à¤¾à¤·à¤¾ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ आज à¤à¥€ गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ की दासà¥à¤¤à¤¾à¤ सà¥à¤¨à¤¾ रही हो तब सवाल उठता है कि उस देश का गरीब à¤à¤µà¤‚ मजदूर कैसे à¤à¤µà¤‚ किस इलेकटà¥à¤°à¥‰à¤¨à¤¿à¤• गैज़ेट से सेवा हासिल करेगा ? बेसिक शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ तकनीकी सà¥à¤•िल से दूर आज à¤à¥€ मजदूर पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ परंपरागत तरीके अपना कर मजदूरी के लिठमजबूर है / सवाल उठता है कि कà¥à¤¯à¤¾ सरकार ने इन हाई-टेक सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं के उपयोग के लिठकोई ठोस आधार à¤à¥‚त योजना बनायी और लागू की ? शायद नहीं / सिरà¥à¤« सरकारी वेबसाइटà¥à¤¸ पर घोषणाओं के करà¥à¤®à¤•ांडों को लटका कर लोक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•ारी सरकार की परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ गà¥à¤¨à¤¾ विकास à¤à¤µà¤‚ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ नहीं है/ यही अनेकानेक घोषणाà¤à¤‚ समसà¥à¤¯à¤¾à¤‚ओं का मजमा बनकर विकास के मारà¥à¤— अवरà¥à¤¦à¥à¤§ कर रहीं हैं/ याद रहे कि तकनीक देना उतना जरूरी नहीं जितना कि उसके उपयोग को सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करना à¤à¤µà¤‚ उससे जà¥à¤¡à¥€ आधारà¤à¥‚त शिकà¥à¤·à¤¾, पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° करना वरà¥à¤¨à¤¾ ये तकनीकें सफ़ेद हाथी सावित होंगे à¤à¤¾à¤°à¤¤ जैसे विकासशील देश के लिठ/ मजदूर को आज वेबसाइट, सूचना तकनीकी à¤à¤µà¤‚ सरकारी कारà¥à¤¡ की जरà¥à¤°à¤¤ तो है परनà¥à¤¤à¥ कà¥à¤¯à¤¾ मजदूर à¤à¤µà¤‚ उसके कारà¥à¤¯ को सरल सà¥à¤—म बनाने à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ करने वाली तकनीक पर à¤à¥€ कोई योजना बनायी गयी? à¤à¤¸à¥‡ कितने मजदूर हैं à¤à¤¾à¤°à¤¤ में जो कारà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤² पर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ कवच यानी हेलमेट, विशेष उपकरण à¤à¤µà¤‚ सिगà¥à¤¨à¤² सूचक यंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करते हैं à¤à¤µà¤‚ सरकारें इसके लिठउपयà¥à¤•à¥à¤¤ कानून के माधà¥à¤¯à¤® से मजदूर नियोजकों को वाधà¥à¤¯ करती हैं ?
हाई-टेक होते सरकार à¤à¤µà¤‚ सरकारी दफà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚, अफसरों के चैमà¥à¤¬à¤°à¥à¤¸ à¤à¤µà¤‚ कंपनियों के कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ की चमक दमक से परे आज गरीब मजदूर की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ मूलà¤à¥‚त सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ का खà¥à¤¯à¤¾à¤² कब रखा जायेगा, कानून कब बनाठजायेंगे और उनको शखà¥à¤¤à¥€ से लागू कब किया जायेगा /
आज à¤à¥‹à¤œà¤¨ का अधिकार कानून तो है लेकिन फिर à¤à¥€ वरà¥à¤²à¥à¤¡ बैंक की रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सैकड़ों लोग à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¥‚ख से कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मर जाते हैं ? आज संवेदनशीलता का आलम ये है कि अगर कोई गरीब किसान मजदूर à¤à¥‚ख से मर à¤à¥€ जाये तो उसके लिठजांच समिति बना दी जाती है / जिसकी विसरा रिपोरà¥à¤Ÿ दस साल बाद इस बात का खà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¾ करती है कि अमà¥à¤• किसान मजदूर à¤à¥‚ख से नहीं मरा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसकी पेट के धोबन की लेबोरेटरी जाà¤à¤š में अनाज के लकà¥à¤·à¤£ पाये गठहैं/ कà¥à¤¯à¤¾ यही हैं मजदूर कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ ?
वरà¥à¤²à¥à¤¡ रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हम मà¥à¤—ालते में हैं कि सन २०२० तक विशà¥à¤µ को अधिकाधिक लेबर की जरूरतें हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ पूरी करेगा / कà¥à¤¯à¤¾ हम à¤à¤¾à¤°à¤¤ को कृषि आधारित देश से बदलकर मजदूर आधारित देश बनाना चाहते हैं ? बैसे ठीक à¤à¥€ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आज हजारों इंजीनियरिंग कॉलेजेस, डिपà¥à¤²à¥‹à¤®à¤¾ कॉलेजेस सिरà¥à¤« दिखावटी लेबर ही तो पैदा कर रहे हैं ; सà¥à¤•िलà¥à¤¡ इंजीनियर या तकनीशियन नहीं / नासà¥à¤•ॉम की ताजा रिपोरà¥à¤Ÿ चौंकाने वाली ही नहीं वलà¥à¤•ि हमें हकीकत का आयना दिखाने वाली है कि कà¥à¤•à¥à¤°à¤®à¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ की तरह उग रहे ये तकनीकी संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बेरोजगार अरà¥à¤¦à¥à¤§ सà¥à¤•िलà¥à¤¡ लेबर पैदा करने वाली फैकà¥à¤Ÿà¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हीं तो हैं /
तकनीक से ही दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ को पà¥à¤°à¤—ति के रासà¥à¤¤à¥‡ पर आगे बà¥à¤¾à¤¯à¤¾ जा सकता है / परनà¥à¤¤à¥ वरà¥à¤²à¥à¤¡ बैंक के नवीन आंकड़ों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° केवल ५३ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ ही à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ यà¥à¤µà¤• बैंक खाता धारी हैं जो कि चीन की à¥à¥¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में काफी कम है/ इस सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤ में सरकार की “जन धन” योजना लाखों नागरिकों जिनमें मजदूर à¤à¤µà¤‚ बेरोजगार à¤à¥€ शामिल हैं के लिठमील का पतà¥à¤¥à¤° साबित हो सकती है /
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अरà¥à¤¥ वà¥à¤¯à¤¬à¤¸à¥à¤¥à¤¾ को “रेडिकल टà¥à¤°à¤¾à¤‚सफॉरà¥à¤®à¥‡à¤¶à¤¨” की तरफ ले जाने वाली सरकार ये कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¥‚ल रही है कि उसे विरासत में à¤à¤¸à¥€ जमीन मिली है जहाठ२००४ से २०१४ तक आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤§à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के बजाय नयी नयी कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•ारी योजनाओं को पैदा कर उनके गीत गाने के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® तो हà¥à¤ जैसे रोजगार का अधिकार, à¤à¥‹à¤œà¤¨ का अधिकार à¤à¤µà¤® शिकà¥à¤·à¤¾ का अधिकार बगेरा बगेरा / à¤à¤• सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° योजनाà¤à¤‚ कà¤à¥€ à¤à¥€ ख़राब नहीं होतीं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वे कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के बनाई जाती हैं / सिरà¥à¤« अचà¥à¤›à¤¾ à¤à¤µà¤‚ बà¥à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¤°à¥‚प उनको लागू करने वालों à¤à¤µà¤‚ लाठलेने वालों की नीयत पर निरà¥à¤à¤° करता है / कहते हैं कि “दौलत जब दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ में आती है तो उसके चेहरे से पैदायशी खून टपकता है और जब दौलत से पूंजी का जनà¥à¤® होता है तो उसके जिशà¥à¤® के हर हिसà¥à¤¸à¥‡ से लहू टपकता है”/ पूंजीवादी लोग आज यही तो नहीं कर रहे ? किस तरह कानून का फायदा उठाते हैं ये लोग अà¤à¥€ हाल में à¤à¤¾à¤°à¤¤ में देखने को मिला / à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने २०१५ में चाइलà¥à¤¡ लेबर ( पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¬à¤¿à¤¶à¤¨ à¤à¤‚ड रेगà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¨ ) सà¥à¤§à¤¾à¤° विधेयक २०१२ को पारित किया/ इस कानून के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सà¥à¤•ूल टाइम के आलावा १४ साल से १८ साल के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को पारिवारिक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ में छूट देने का पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ किया गया / कानून को तोड़कर राशà¥à¤¤à¤¾ निकालने के पेशेबर लोगों ने इसमें à¤à¥€ रासà¥à¤¤à¥‡ निकाल लिठ/ आज à¤à¥€ जयपà¥à¤° जैसे राजधानी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में बाल मजदूरी बड़ी समसà¥à¤¯à¤¾ बनी हà¥à¤¯à¥€ है / देश के à¤à¤• पेशेबर वकील की संवेदनहीनता देखिये कि उसने मà¥à¤µà¤•à¥à¤•िल को बचाने के लिठपटाखा, मांजा बनाने वाले वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ को अपने तरà¥à¤•ों से गैर नà¥à¤•सानदेह धंधा साबित कर दिया/
अà¤à¥€ हाल में वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ सरकार के मà¥à¤–à¥à¤¯ आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सलाहाकार अरविनà¥à¤¦ सà¥à¤¬à¥à¤°à¤®à¤£à¥à¤¯à¤® जो कि अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ फंडà¥à¤¸ के इकोनॉमिसà¥à¤Ÿ रहे हैं ने नया जà¥à¤®à¤²à¤¾ सरकार को दिया है ” इंकà¥à¤°à¥‡à¤®à¥‡à¤‚टलिसà¥à¤®” / उनके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° देश में बिज़नेस बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ à¤à¤µà¤® इनà¥à¤µà¥‡à¤¸à¥à¤Ÿà¤®à¥‡à¤‚ट को आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करने के लिठलेबर कानून को सरल करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¾ है / उनकी सोच à¤à¤µà¤‚ जनकोवॠव रमलà¥à¤¹à¥‹ की अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ रिपोरà¥à¤Ÿ जिनमें à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥€ शामिल है, इस बात का समरà¥à¤¥à¤¨ करती है कि कठोर रोजगार कानून के कारण देश में असंगठित कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° बà¥à¤¾ है और जिससे बेरोजगारी बड़ी है / रिपोरà¥à¤Ÿ में कहा गया है कि कठोर शà¥à¤°à¤® कानून के कारण à¤à¥€ देश में पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ आय कमजोर हà¥à¤¯à¥€ है/ इन हालातों में सवाल उठता है कि देश के बड़े बड़े सलाहकार कà¥à¤¯à¤¾ जमीनी हकीकत के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कोई सफल पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— कर पाà¤à¤‚गे जिससे देश का गरीब मजदूर बेरोजगार आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤§à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का लाठलेकर पà¥à¤°à¤—ति की राह में आगे बॠपाà¤à¤—ा या फिर पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ योजनाà¤à¤‚ नठपैक में साबित होगी/ आज गहन सोच à¤à¤µà¤‚ मंथन के बाद योजनाà¤à¤‚ बनाने à¤à¤µà¤‚ उनकी कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤à¤¿ सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करने की आवशà¥à¤¯à¤•ता है न कि रोज नित नयी घोषणाओं के करà¥à¤®à¤•ांड की /